
यूपी बोर्ड के होनहार - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। हरिवंश राय बच्चन की यह पंक्तियां मेहनती लोगों पर आज भी उतनी ही सटीक साबित होती हैं। शुक्रवार को यूपी बोर्ड का परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। जिसमें हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा में उच्चतम अंक प्राप्त करने वाले अनेक युवाओं की कहानी प्रेरणा से कम नहीं। किसी के पिता वेल्डिंग का काम करते हैं तो किसी के राज मिस्त्री हैं। जूता श्रमिक से लेकर मार्बल पर पच्चीकारी करने वालों के बच्चों ने इस परीक्षा में अपनी मेधा का लोहा मनवाया है।
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पिता दिहाड़ी मजदूर, बेटे ने बरसाए अंक भरपूर
महाराजा अग्रसेन इंटर के माधव राठौर ने दसवीं में 93.50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। माधव के हिंदी को छोड़कर सभी विषयों में 94 से ऊपर अंक आए हैं। उनके पिता दिहाड़ी मजदूर हैं तो बड़ा भाई भी घर में आर्थिक सहयोग देने के लिए प्राइवेट नौकरी करता है। मां डॉली बताती हैं कि किराए के घर पर रहते हैं। माधव ने स्कूल में पहला और जिले में पांचवां स्थान प्राप्त किया है। मां ने बताया कि माधव सिर्फ पढ़ाई से संबंधित सामग्री देखने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल करते थे।
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प्राइवेट वर्कर हैं पिता
एमडी जैन इंटर कॉलेज के 10वीं के टॉपर और जिले में छठवां स्थान प्राप्त करने वाले श्लोक दुबे के पिता फैक्ट्री में सुपरवाइजर हैं। श्लोक के गणित में 100, चार अन्य विषयों में 90 से ऊपर और हिंदी में 88 अंक हैं। श्लोक को गणित विषय पढ़ना बेहद पसंद है। कहते हैं इसमें विषय को रटना नहीं पड़ता। 11वीं में वह फिजिक्स, केमिस्ट्री के साथ गणित विषय लेंगे। उनकी सफलता से घर में खुशी का माहौल है।
पिता करते हैं मार्बल पर पच्चीकारी
नाई की मंडी निवासी अनम ने राम स्वरूप सिंघल कन्या इंटर कॉलेज से 10वीं में 93 प्रतिशत अंकों से पास की है। उन्होंने जिले में सातवां स्थान प्राप्त किया है। अनम के पिता मार्बल कारीगर हैं। नियमित 4 से 5 घंटे पढ़ाई करने वाली अनम ने छह में से पांच विषयों में 90 से ऊपर अंक हैं। वह आईआईटी कर अपने सपनों को साकार करना चाहती हैं।
पिता तोड़ते हैं पत्थर, बेटा बना टाॅपर
फतेहपुर सीकरी के गांव उन्देरा निवासी आदित्य ने कक्षा 10 में 92.50 अंक प्राप्त कर आगरा में 9वां स्थान प्राप्त कर मां-पिता का नाम रोशन किया है। आदित्य ने बताया कि पिता कस्बे में ही पत्थर तोड़ने का काम करते हैं। आदित्य का सपना आईपीएस बनने का है। इसीलिए वो मन लगाकर पढ़ाई करते हैं। कहते हैं माता-पिता हमेशा यही समझाते हैं कि पढ़ाई से ही उनके घर के हालात बदल सकती है।
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राजमिस्त्री पिता को फोन पर बेटे ने दी सफलता की जानकारी
यमुना ब्रिज स्टेशन के पास रहने वाले जतिन शुक्ला के पिता राज मिस्त्री हैं। माता और पिता भी मात्र 8वीं तक पढ़े हैं। ऐसे में बेटे ने दिनरात मेहनत कर 87.66 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। बेटे ने परिणाम की जानकारी पिता को फोन पर दी। जतिन बताते हैं कि पिता हमेशा उन्हें पढ़ाई के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे उनका भविष्य संवर सके।
जूता श्रमिक के बेटे ने कर दिखाया कमाल
आवास विकास कॉलोनी में रहने वाले भावेश रामवानी के पिता जूता श्रमिक हैं। आवास विकास कॉलोनी में रहने वाले भावेश के माता-पिता दोनों निरक्षर हैं, बावजूद इसके उन्होंने कड़ी मेहनत कर 82 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। परिवार को आर्थिक मदद पहुंचाने के लिए भावेश खुद शाम 5 से रात 10.30 बजे तक एक मेडिकल स्टोर में पार्ट टाइम काम करते हैं। अपनी पढ़ाई के लिए उन्होंने इंटरनेट का सहारा लिया। वह आईआईटी कर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं।
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मां ने जूतों की जोड़ी पैक कर जमा की स्कूल फीस
सिर से पिता का साया उठने के बाद मां ने मजदूरी कर सोनिया को पढ़ाया। सोनिया ने श्रीमती बीडी इंटर कॉलेज में 12वीं कक्षा मेंं 77.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर स्कूल टॉप किया है। सोनिया बताती हैं पिता के गुजर जाने के बाद दो भाईयों और उनकी जिम्मेदारी मां पर आ गई। मां ने घर पर ही जूतों की जोड़ी बनाकर स्कूल की फीस दी। इस काम में उनकी मदद सोनिया भी करती हैं। सोनिया का सपना डाॅक्टर बनने का है।
दादी का नाम जीशाना ने किया रोशन
राधे-राधे काॅलोनी, शिवनगर निवासी जीशाना अली ने 10वीं कक्षा में 76.16 प्रतिशत अंक प्राप्त कर छोटेलाल इंटर कॉलेज में टॉप किया है। जीशाना ने बताया कि बचपन में मां-पिता गुजर गए। बूढ़ी दादी दिन-रात मेहनत मजदूरी कर चार बहन-भाइयों को पढ़ा रहीं हैं। जब वह पढ़ने जाती थीं तो पड़ोसी पढ़ाई छोड़ दादी के साथ काम करने की बोलते थे। आज वही लोग जीशाना के घर उसे बधाई देने पहुंच रहे हैं।